"AI की दुनिया में नया नाम, DeepSeek का तूफानी एंट्री!"
सोचिए! एक आदमी जो कभी फाइनेंस में खेलता था, वह आज एआई की दुनिया में अमेरिका के छक्के छुड़ा रहा है। DeepSeek चीन की एक ऐसी एआई कंपनी जिसने अमेरिका के बड़े-बड़े टेक दिग्गजों की नींद उड़ा दी है, और इसका जनक लियांग वेनफेंग एक ऐसा इंसान जिसे कभी लोग सिर्फ एक पकाऊ लड़का मानते थे।
लेकिन आज वही आदमी एआई की दुनिया में तहलका मचा रहा है, लियांग वेनफेंग 40 साल का एक ऐसा इंसान जिसका नाम कुछ समय पहले तक शायद ही किसी ने सुना हो। लेकिन आज वह चीन के सैम ऑल्टमैन कहे जा रहे हैं। और इसकी सबसे बड़ी वजह है DeepSeek एक ऐसी एआई कंपनी जिसने सिर्फ एक हफ्ते में पूरे टेक वर्ल्ड में हलचल मचा दी,

लियांग वेनफेंग का जन्म 1980 के दशक में चीन के एक छोटे से शहर ग्वांग डोंग में हुआ था। उनके पिता एक साधारण प्राइमरी स्कूल टीचर थे, लेकिन लियांग का दिमाग बचपन से ही गणित और टेक्नोलॉजी की तरफ झुका हुआ था। उन्होंने चीन की प्रतिष्ठित जे जियांग यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई की जो चीन के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में से
एक है। लियांग की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं 2015 में उन्होंने अपने दो साथियों के साथ मिलकर हाई फ्लायर नाम की क्वांटिटेशन हेज फंड कंपनी बनाई। यह कंपनी गणित और एआई का इस्तेमाल करके इन्वेस्टमेंट करती थी शुरुआती दिनों में इसे ज्यादा तवज्जो नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे इसने अपना दबदबा बना लिया।
2019 तक हाई फ्लायर चीन की सबसे बड़ी क्वांट हेज फंड कंपनियों में से एक बन गई। यह चीन की पहली हेज फंड कंपनी बनी जिसने 99000 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट पार किया। हालांकि 2021 में इसका वैल्युएशन गिरकर 8 अरब डॉलर रह गया, लेकिन फिर भी यह चीन की सबसे महत्त्वपूर्ण फाइनेंशियल कंपनियों में से एक रही।

"लियांग वेनफेंग: DeepSeek AI क्रांति का चीनी चैंपियन"
अब इसी दौरान लियांग वेनफेंग ने कुछ ऐसा किया, जिसने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी। उन्होंने NVIDIA के ग्राफिक्स प्रोसेसर्स यानी जीपीयू हजारों की तादाद में खरीदने शुरू कर दिए, और यह सब तब हुआ जब अमेरिका ने चीन पर एआई चिप्स की एक्सपोर्ट बैन लगाने की तैयारी कर ली थी। उस वक्त किसी को नहीं पता था कि
लियांग इन चिप्स का क्या करने वाले हैं। लेकिन 2023 में दुनिया को उनका असली प्लान पता चला DeepSeek का लॉन्च। लियांग के एक पार्टनर ने तो यहां तक कह दिया, कि पहली बार जब हम उनसे मिले थे, तो एक अजीब से हेयर स्टाइल वाला पढ़ाकू सा लड़का था। जो 10000 चिप्स का क्लस्टर बनाने की बात कर रहा था, हमने उसे सीरियसली लिया ही नहीं पर लियांग वेनफेंग का इरादा कुछ और ही था।

"DeepSeek: AI सॉफ़्टवेयर जो बदल रहा है गेम!"
2023 में लियांग वेनफेंग ने अपनी हेच फंड कंपनी हाई फ्लायर से अलग होकर DeepSeek की स्थापना की उनका मकसद था, आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस यानी जीजीआई यानी इंसानों के बराबर सोचने वाली एआई को विकसित करना। लेकिन DeepSeek की खासियत सिर्फ इसकी टेक्नोलॉजी में नहीं बल्कि इसे बनाने का तरीका
भी था, इस बंदे ने अपनी टीम बनाने में भी बड़ा दिमाग लगाया। लियांग ने अनुभवी इंजीनियरों को हायर करने के बजाय चीन के टॉप यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्टूडेंट्स को अपनी टीम में शामिल किया। उन्होंने पेकिंग यूनिवर्सिटी और सिंघु यूनिवर्सिटी के टॉप एआई रिसर्चस को अपनी टीम में लिया, जो जर्नल्स और इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में तो अवार्ड जीत चुके थे। लेकिन उनके पास इंडस्ट्री का कोई एक्सपीरियंस नहीं था,

जनवरी 2025 में DeepSeek ने अपना एक मॉडल DeepSeek R1 लांच किया और यह देखते ही देखते चीन अब एआई के क्षेत्र में अमेरिका को कड़ी टक्कर देने वाला है। DeepSeek की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि इसे सिर्फ 5.6 मिलियन डॉलर में डेवलप किया गया। लियांग वेनफेंग का कहना है कि वह DeepSeek से पैसा नहीं
बल्कि तकनीक की दुनिया में क्रांति लाना चाहते हैं। और इसीलिए उन्होंने अपनी कंपनी को ओपन सोर्स रखने का फैसला किया है, मतलब कोई भी इनके कोड को देख और इस्तेमाल कर सकता है। और हां अपने इंजीनियरों को तो यह लोग मोटी तनख्वा देते हैं, बीजिंग और हाजो में इनके ऑफिस भरे पड़े हैं,
टैलेंटेड लोगों से लियांग वेनफेंग की सोच सिर्फ एक कंपनी बनाने तक सीमित नहीं है। वह चाहते हैं कि चीन अमेरिका की तरह एआई लीडर बने उन्होंने कहा, कि चीन हमेशा अमेरिका का फॉलोअर बना नहीं रह सकता। हमें खुद को इनोवेट साबित करना होगा,
"America को दे रहा है कड़ी टक्कर!"

लेकिन अमेरिका भी चुप बैठने वाला नहीं है। ओपन एआई और जापान की सॉफ्ट बैंक मिलकर स्टार गट नाम का प्रोजेक्ट लॉन्च कर रहे हैं। जिसमें 100 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट होगा, इलोन मस्क की एक्स एआई भी अपने सुपर कंप्यूटर कोलोसस को और बड़ा बना रही है। ताकि ओपन एआई और DeepSeek से आगे निकला जा सके।
टेक इंडस्ट्री में बड़े नाम DeepSeek को एआई का स्पूतनिक मूमेंट कह रहे हैं। यानी जिस तरह 1957 में सोवियत यूनियन के पहले सैटेलाइट लॉन्च ने अमेरिका को हिला के रख दिया, उसी तरह DeepSeek ने अमेरिका की टेक इंडस्ट्री को चौका दिया है। अब सवाल यह है कि क्या लियांग वेनफेंग चीन को एआई की दुनिया में
सुपर पावर बना पाएंगे या फिर अमेरिका और उसके सहयोगी मिलकर DeepSeek को रोक लेंगे, तो आपकी क्या राय है क्या चीन का DeepSeek ओपन एआई से आगे निकल पाएगा या अमेरिका फिर से कोई नया दांव खेलेगा। कमेंट करके जरूर बताये।