सोने की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
सोने में निवेश : डोनाल्ड ट्रंप जब से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, तब से दुनिया भर के शेयर बाजरो में उथल-पुथल का माहौल है। और सुरक्षित निवेश माने जाने वाले गोल्ड को लेकर लोग इंटरनेट पर के सवाल सर्च कर रहे हैं। मतलब सोने की कीमत लगातार क्यों बढ़ रही है? सोने की कीमत कहां तक जा सकती है, क्या अभी सोने में निवेश करने का सही समय है। तो इन सवालों के जवाब हमसे जान
लीजिए। पिछले कुछ दिनों से सोने का भाव लगातार बढ़ रहा है, एक तरफ सोने की कीमत बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी है। जानकारों का मानना है की इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति का मेक्सिको, कनाडा और चीन पर नए टैरिफ लगाना, और दुनिया भर के शेयर बाजरो में गिरावट का माहौल होना है।

वैश्विक घटनाओं का असर
महंगाई की आशंका डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के इन कड़े दुनिया भर में महंगाई बढ़ाने की आशंका जताई जा रही है। निवेशकों में होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई के लिए सोने में निवेश कर रहे हैं। मार्केट विश्लेषक कहते हैं की मौजूदा माहौल में कई निवेशक गोल्ड को हेजिंग रणनीति के रूप में ले रहे हैं, उन्हें आशंका है की शेयर बाजार में नुकसान हो सकता है।
तो वो इसके लिए सोने में निवेश का विकल्प देख रहे हैं। अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने से अनिश्चितता का माहौल है। दुनिया में अनिश्चितता होती है, तो लोग सुरक्षा चाहते हैं, सोने की मांग बढ़ जाती है। तो इस कारण इसके दाम भी बढ़ जाते हैं,

दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कनाडा, मेक्सिको से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर पच्चीस फीसद और चीन पर दस फीस टैरिफ लगाने के आदेश दिए। हालांकि बाद में ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा पर पच्चीस फीसर ट्रैरिफ लगाने की योजना को तीस दिन तक के लिए टालने की बात कही। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छूट नहीं दी और उन्होंने यूरोपीय संघ पर भी टैरिफ
लगाने की बात कही है। हालांकि चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी समान पर टैक्स लगाने की बात कही। सोना सुरक्षित निवेश है, एक और वजह है गोल्ड की कीमतों की बढ़ोतरी की है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी कर रहे हैं। डॉलर के मुकाबले रुपए का कमजोर होना और मध्य पूर्व और रूस, यूक्रेन जंग के कारण भी सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर देखा जा रहा है।

निवेशकों के लिए रणनीति
। प्रोफेसर अरुण कुमार कहते हैं कि डॉलर एक तरह से मजबूत करेंसी है। दौ हज़ार सात से दौ हज़ार नौ के बीच आर्थिक मंडी के दौरान डॉलर तेज हो गया था, लेकिन अन्य करेंसी गिर गई थी। डॉलर और सोना के बारे में माना जाता है कि यह नहीं गिरेंगे। वो कहते हैं कि रुपए में गिरावट है, तो लोग डॉलर और सोने की तरफ बढ़ेंगे। डॉलर इंडेक्स में भी तेजी है, और हाल ही में ये एक
सौ नौ के मार्ग को भी पार कर गया। यानी डॉलर का भाव सोने समेत पूरे कमोडिटी बाजार पर असर डाल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणन ने भी हाल में माना था, कि डॉलर के मुकाबला रुपया कमजोर हुआ है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा था, कि केवल मजबूत हो रहे डॉलर के मुकाबला रुपया कमजोर हुआ है।

जबकि मजबूत आर्थिक बुनियाद के कारण अन्य सभी मुद्राओं के मुकाबला स्थिर बना हुआ है। क्या अभी सोने में निवेश करना चाहिए? जिस तरह शेयर और कमोडिटी बाजार में अनिश्चितता है, ठीक उसी तरह कई जानकारी भी भविष्य में गोल्ड की चाल को लेकर निश्चित नहीं है। जानकारों का मानना है कि एक निवेश के बजाय लोगों को सोने में हर गिरावट पर खरीद की रणनीति
अपनानी चाहिए। मार्केट एक्सपर्टल कहते हैं कि दुनिया भर में कई देशों में अस्थिरता है, और साथ ही महंगाई भी अपना असर दिखा रही है। ऐसे में सोने में बढ़त का रुख जारी रह सकता है। लेकिन ये एक तरफा नहीं रहेगा और बीच बीच में निवेशकों को खरीदारी का मौका मिलता रहेगा।